सुकमा। माओवाद को खत्म करने केन्द्र व राज्य सरकार चाहे जितने भी दावे कर लें लेकिन धरातल पर इसका सामना करने वाले सुरक्षाबल के जवान के विचार ही अलग हैं। 24 घंटे पहले जिन जवानों ने अपने साथियों के साथ मिलकर खाना खाया था वे आज शहादत पा चुके हैं।
मोर्चे पर तैनात जवानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि माओवाद पर सरकार की कथनी और करनी एकदम अलग है, माओवाद पर राज्य सरकार की नियत में खोट है सरकार माओवाद को खत्म करना ही नहीं चाहती, अगर ऐसा है तो सरकार छूट दे, एक माह के भीतर बस्तर से माओवाद का नामो निशान मिटा देंगे। ऐसा ही चलता रहा तो जवानों की शहादत होते रहेगी। उक्त बातें बुरकापाल में तैनात सीआरपीएफ 74वीं बटालियन के जवानों ने कही। बुरकापाल मुठभेड़ का कवरेज करने पहुंचे मीडिया कर्मियों के देख पहली बार सीआरपीएफ के जवानों ने प्रेस से बात करने की इच्छा जताई, जवानों की आंखों में अपने साथियों को खोने का दुख साफ झलक रहा था, साथ ही सरकार के प्रति गुस्सा भी कम नहीं था। पूरे कैंप परिसर में मातम छाया हुआ था, जवानों को भरोसा ही नहीं हो रहा था कि उनके साथी अब इस दुनिया में नहीं रहे।
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